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Abstract Beauty: Paintings by S. K. Nag in Oil and Acrylic

Three beautiful Paintings by S. K. Nag | Abstract Acrylic Painting on Canvas  | Home Decor Painting   Content: Dive into the mesmerizing world of abstract art with three stunning paintings by the renowned artist S. K. Nag . These works, created in oil and acrylic on canvas, showcase the artist's ability to blend emotion, color, and form into visually arresting masterpieces. 1. "Whirlscape,  Medium: Oil on Canvas,  Size: 38 cm x 48 cm, 2011 Description: "Whirlscape" captures the chaotic beauty of nature through swirling brushstrokes and an interplay of vibrant hues. The painting evokes a sense of motion, inviting viewers to immerse themselves in its dynamic energy. Shades of blue and green dominate the canvas, symbolizing harmony and transformation, while the burst of pink adds a touch of vibrancy, suggesting hope amidst chaos. Search Description: "Experience the dynamic beauty of 'Whirlscape,' an abstract oil painting by S. K. Nag. Explore thi...

When a Dog Become your friend. जब एक कुत्ता मित्र हो जाये....

When a Dog Become your friend. 

जब एक कुत्ता मित्र हो जाये... 

कुछ कुत्ते पालतू होने का स्वाँग भर करते हैं! सूंघ कर हड्डी की गंध वे ऐसे दुम हिलाते हैं जैसे पूरी कायनात में उसके जैसा वफादार मित्र कोई है ही नहीं! पेट भरा नहीं कि  अपनी औक़ात भूलने लगते हैं.पर इनमें एक खासियत हमेशा  होती है कि वस्तुतः ये अपनी जात नहीं भूलते हैं जिनका काम ही है भूँकना।  हम तो शुरू  से ही इस बात के पक्षधर रहे हैं कि - "हाथी चले बाजार तो कुत्ते भूंके हज़ार। "
Pets

चीन देश का एक कुत्ता बॉर्डर पर भारतीय कुत्ते से मिला। वह काफी दुःखी दिख रहा था और विलाप कर रहा था।  यद्यपि दिखने में बिलकुल हट्टा-कट्टा और स्मार्ट था।  भारतीय कुत्ते ने पूछा- क्यों विलाप कर रहे हो भाई।  इतनी सुन्दर शरीर है तुम्हारी,  खाते पीते  घर के लग रहे हो, फिर दुःखी  क्यों हो ? चीनी कुत्ते ने कहा- भाई, यहां कोई तकलीफ नहीं है ; बस एक ही कमी है की यहाँ भूँकने की आज़ादी नहीं है, जो तुम्हारे यहाँ उपलब्ध है. इसलिए मैं तुम्हारे यहाँ आना चाहता हूँ।  
Portrait of a Dog

एक बार एक कुत्ते को रोते हुए देख कर उसके ताऊ कुत्ते ने पूछा -" क्यों रो रहे हो।" रोने वाले कुत्ते ने बताया कि कभी उसके साथ रहे एक कुत्ते ने उसे बहुत ही ख़राब गाली दी. ताऊ  ने पूछा की कौन सी ख़राब गली दी उसने। 
रोता हुआ कुत्ता बोला - उसने मुझे "आदमी" कहा। 
वैसे बात भी सही है- कभी कभी कुत्ते कुछ अच्छा कर जाते हैं।  अब यहीं देखिये;---
" एक बार एक कुतिया चौराहे को पार करते हुए दूसरे इलाके में पहुँच गई।  अगले मोड़ पर चार- पांच कुत्ते खड़े थे।  कुतिया उन्हें देख कर डर सहम गयी।  वह आगे जाना चाहती थी पर रुक गयी।  तब समूह में खड़े कुत्तों में से एक ने कहा - मैडम, आप डर क्यों रही हैं ? कुतिया ने कहा- नहीं; मैं अकेली हूँ न, इसलिये ……।  कुत्ते ने कहा - मैडम, घबराईये नहीं , हमलोग कुत्ते हैं, आदमी नहीं।   
Smart boy like a Dogबाबा नागार्जुन ने लिखा - कुत्तों ने भी कुत्ते पाले। 
अब कुत्ते की बात निकल ही गयी तो एक ऐसे ही कुत्ते के विषय में बताता हूँ। एक अति-महत्वकांक्षी कुत्ते के मन में मनुष्यो का जीवन जीने की इच्छा जागृत हुई।  इसने आदमी का रूप धारण कर वास्तविक मनुष्यों के बीच रहने लगा। मनुष्यों द्वारा आयोजित किये जा रहे  प्रवचन कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजनो में वह जाने लगा. जैसे जैसे मनुष्य कोई उद्यम करता, वह कुत्ता (आदमी) भी वैसे ही प्रयास करता किन्तु साथ-साथ भूँकता भी रहता।  हाँ; अब उसकी भाषा भी मनुष्यों की तरह ही थी। एक मनुष्य मिस्टर एन०  हमेशा उसकी मदद किया करते थे।  मिस्टर एन पर उसकी भूंक का कोई असर नहीं होता था।  सफलता प्राप्त करने के क्रम में मिस्टर एन  ने उसकी हर संभव मदद की।  पर इस महत्वाकांक्षी कुत्ते को ऐसा महसूस होता था की वह मिस्टर एन के जैसी मेधा उसमे नहीं थी और वह उनसे आगे रहना चाहता था।  तब एक बार एक आयोजन में जाने के पहले उसने मिस्टर एन को अपना काटा हुआ बिस्कुट खाने को दे दिया. मिस्टर एन सरल और सहृदयी व्यक्ति होने के कारण उसकी मनसा भांप नहीं पाये और बिस्कुट खा लिया।  आयोजन की तिथि तक वे संक्रमण से ग्रसित हो गए। कुत्ते ने इधर प्रचारित करना शुरु कर दिया कि वह मिस्टर एन की मदद नहीं कर रहा इस लिए वे दुखी हैं और इस आयोजन में उनकी काबिलियत कभी  नहीं थी . वे हमारी मदद से आगे रहा करते थे।   इस प्रकार, मनुष्य समाज में उनकी साख ख़राब करते हुए वह कुत्ता मिस्टर एन से आगे निकलने में कामयाब हो गया। अब उस कुत्ते का बहुत विकास हुआ।  
animal friend is not to be good
मिस्टर एन जब संक्रमण से मुक्त हुए तब तक उनकी अनुपस्थिति से कुछ विशेष  बदलाव हो चुके थे। अब लोग उन्हें कुत्ते की निगाह से देखा करते थे।  फिर एक लम्बी अवधि तक उन्होंने एकांत में रह कर आत्मनुशीलन करने का फैसला किया।  इस फैसले में ही उस समय उनकी भलाई दिख रही थी।  आत्मनुशीलन के बाद उनकी आभा पुनः प्रखर होने लगी।   इस दौरान  वे पुरानी यात्राओं के सुखद या दुखद पलों को शब्दों में वर्णित करने लगे।  ऐसी ही एक बानगी में मिस्टर एन  ने एक संस्मरण का उल्लेख कर दिया जिसमे उस कुत्ते की सफलता से जुड़ा एक  कृत्य वृतांत था।  यद्यपि उस वृतांत मे नकारात्मक कुछ भी नहीं था, फिर भी कुत्ते को मिर्च लग गयी. और उसने जोर जोर से भूँकना सुरु कर दिया. आखिर था तो वह एक कुत्ता ही।  
A real Dog
मिस्टर एन को अहसास होने लगा की कुत्ता जल्द ही भूंकते भूंकते अपनी सच्चाई स्वतः जग जाहिर कर देगा जैसे पुरानी कहानी का "रंगा  सियार" ने भूंक कर अपनी सच्चाई उजागर कर दी थी।  तब खुलेगा इस विकास का राज..... , कुत्ता।

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