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Abstract Beauty: Paintings by S. K. Nag in Oil and Acrylic

Three beautiful Paintings by S. K. Nag | Abstract Acrylic Painting on Canvas  | Home Decor Painting   Content: Dive into the mesmerizing world of abstract art with three stunning paintings by the renowned artist S. K. Nag . These works, created in oil and acrylic on canvas, showcase the artist's ability to blend emotion, color, and form into visually arresting masterpieces. 1. "Whirlscape,  Medium: Oil on Canvas,  Size: 38 cm x 48 cm, 2011 Description: "Whirlscape" captures the chaotic beauty of nature through swirling brushstrokes and an interplay of vibrant hues. The painting evokes a sense of motion, inviting viewers to immerse themselves in its dynamic energy. Shades of blue and green dominate the canvas, symbolizing harmony and transformation, while the burst of pink adds a touch of vibrancy, suggesting hope amidst chaos. Search Description: "Experience the dynamic beauty of 'Whirlscape,' an abstract oil painting by S. K. Nag. Explore thi...

Beautiful Varansi and Public Art (सुन्दर वाराणसी और जनप्रेरणा के निमित कला)

सुन्दर वाराणसी और जनप्रेरणा के निमित कला

काशी को स्वच्छ और सुन्दर बनाने की मुहीम अब जोर पकड़ने लगी है।  गलियों की रिक्त दीवारों को सुन्दर चित्रो को सजाने की शुरुआत करते हुए युवा चित्रकार शशि कांत नाग ने अस्सी की चित्रकार गली में तथा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के ज्ञान विज्ञान वाटिका में भित्ति चित्रांकन कर नवीन ग्राफिती कला के प्रारम्भ की आधारशिला रखी जो कालांतर में अनेक चित्रकारों में जिज्ञाषा उत्पन्न की। 



यद्यपि वाराणसी के कलाकार - जगत में जनता से जुड़ कर या जनप्रेरणा के निमित कला -रचना के उद्देश्य से आनंद-वन कलाकार समूह का गठन हुआ और देखते देखते इस कलाकार समूह की गतिविधियों के पांच वर्ष हो गए।  प्रत्येक महीने के एक रविवार को विभिन्न स्थानो में एकत्रित होकर इस समूह के तत्वाधान में कलाशिवीर आयोजित होना एक प्रमुख गतिविधि के रूप में रेखांकित होने लगा और धीरे धीरे अन्य संस्थाओं यथा रामकृष्ण मिशन आश्रम, सुबहे बनारस, जयशंकर प्रसाद न्यास आदि के सहयोग के लिए इस समूह के माध्यम से स्थानीय कलाकारों ने वाराणसी की जनता के लिए विभिन्न विषयों पर आधारित चित्र बनाये। ज्ञात हो कि नेपाल की भूकंप त्राषदी के पीड़ितों के सहयोग के लिए भी इन कलाकारों ने अपनी कृतियों को समर्पित किया जिसका  सीधा लाभ  पीडितो को प्राप्त हुआ।  
Saraymuhana wall Camp

३२ वें कलाशिविर में आनंदवन कलाकारों का जत्था दिनांक २८ फ़रवरी २०१६ को वाराणसी की उत्तरी सीमावर्ती गाँव सरायमुहाना पहुंचा। मकसद केवल एक - स्थानीय ग्रामवासियों  के लिए चित्रण।  नयी दिल्ली से पढ़े और कला - प्रशिक्षित स्थानीय कलाकार राज साहनी ने वहाँ की आवश्यक व्यवस्था की जिम्मेदारी देखी। वरिष्ठ चित्रकार एस० प्रणाम सिंह, सत्येन्द्र बावनी दिनेश यादव सहित महिला चित्रकार पूनम राय, शारदा सिंह,  शिखा पटेल, ज्योत्सना आदि ने अपनी गरिमामयी उपस्थति से इस कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिया।  उपस्थित जनसमुदाय की आँखों में कौतुहल थी  और जैसे जैसे कलाकारों ने गाँव के घरों की भित्तियों पर चित्रण प्रारंभ किया, गाँव वालों का प्यार अतिरेक से इन कलाकारों के लिए उमड़ने लगा। 

About Clean Varanasi


एक मद्धिम सी आवाज़ कौंधी- मछली से हैं हम और हम से है मछली। ज्ञात हुआ की ये मछुआरो एवं नाविको का गाँव है।  फिर क्या! मछली को केन्द्रित विषय मान कर भित्ति चित्रण किया जाने लगा और देखते देखते मतस्यावतार, मछलियों की दुनिया, मनुष्य और मछलियाँ, श्रीगणेश आदि अनेक सुन्दर ग्राफिती चित्र बन गए. चित्रण कार्य के दौरान स्थानीय बच्चों को भी रंग ब्रस चलने का मौका मिला। Wall painting at Saraymuhana VillageHouse of Fishermen
लगभग ३ घंटे के प्रवास में इन कलाकारों ने गाँव के मुख्य मार्ग का स्वरुप निखार दिया।  यह रोचक बात रही कि जिन कलाकारों ने कागज या कैनवास पर चित्रण करना सोचा था; वे भी ग्राफिती निर्माण से स्वयं को रोक नहीं पाए। फोटोग्राफर राजकुमार ने इस पुरे कार्यक्रम की डॉक्युमेंट्री बनायीं।  एक महत्वपूर्ण कला - कार्यक्रम के रूप में आयोजित इस घटना ने ग्राफिती कला की प्रासंगिकता को और रोचक बना दिया जब वाराणसी के लिए  शहर विकास परियोजना और ह्रदय जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना  चल रही हो।  वाराणसी नगर की सौन्दर्य को प्रारब्ध करने की दिशा में इनका सहयोग लिया जा सकता है।  
बीते सप्ताह में राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के तहत डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा के नेतृत्व में नगवा मोहल्ले में स्थित माँ गायत्री शक्तिपीठ में काशी विद्यापीठ के कला - छात्रो का एक समूह एकत्रित हुआ और पास के एक पार्क की समग्र सफाई तथा राष्ट्र गौरव से ओतप्रोत ग्राफिती चित्रांकन, अमृत वाणी सुलेखन आदि कार्य संपन्न हुए।  
इस प्रकार की रचनात्मक और सार्थक प्रयास से निश्चित ही "स्वच्छ भारत - सुन्दर भारत" की तश्वीर सामने आएगी।  और यदि सरकारी तंत्र इन गतिविधियों के लिए पारदर्शिता रखते हुए इन चित्रकारों का सहयोग लेती है तो यह सोने पे सुहागा जैसा होगा।  

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