यूरोप में पुनर्जागरण के कारण
मध्ययुग के अंत में आक्रमणकारी-मुसलमानों एवं तुर्कों के विरूद्ध रोम के पोप की अध्यक्षता में धर्म-युद्ध या क्रूसेड्स हुआ। यूरोप के ईसाइयों ने 1098 और 1291 के बीच अपने धर्म की पवित्र भूमि फिलिस्तीन और उसकी राजधानी जेरूसलम में स्थित ईसा की समाधि का गिरजाघर मुसलमानों से छीनने और अपने अधिकार में करने के प्रयास में जो युद्ध किए उनको सलीबी युद्ध, ईसाई धर्मयुद्ध, क्रूसेड अथवा क्रूश युद्ध कहा जाता है। इतिहासकार ऐसे सात क्रूश युद्ध मानते हैं।
इसके परिणामस्वरूप यूरोप के निवासियों के भौगोलिक ज्ञान एवं जीवन-प्रणाली के स्तर में पर्याप्त वृद्धि हुयी ।
अत: यूरोपिय क्षेत्रों में लोगों के बौद्धिक तथा मानसिक स्तर पर अनेक महत्वपूर्ण परिवर्तन आरंभ हो गये। मध्ययुग के अंत एवं आधुनिक युग के प्रारंभ में यूरोपीय व्यापार-वाणिज्य की वृद्धि, शिक्षा प्रसार, नये-नये, स्वतंत्र एवं अर्द्ध-स्वतंत्र नगरों का उत्थान, रचनात्मक प्रयोग तथा विज्ञान-विकास होने लगे।
अरबवासियों के प्रभावस्वरूप प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान एवं कला में नवजीवन का संचार हुआ। तुर्को का 1453 ई. में रोम की राजधानी कुस्तुन्तुनिया पर अधिकार हो गया और सभी साहित्यिक विद्वान कलाकार इत्यादिअपने साथ प्राचीन साहित्य लेकर आ इटली चले गये।
कुस्तुन्तुनिया के पतन के बाद इटली में प्राचीन संस्कृति की वृद्धि हुई, यूरोपवासियों के भौगोलिक ज्ञान में प्रशंसनीय विकास देखा गया। छापेखाने के अविष्कार से प्राचीन विद्या एवं कला साहित्यों के प्रसार में पर्याप्त वृद्धि का मार्ग प्रशस्त हुआ। इन तत्थों के परिणामस्वरूप ही यूरोप में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रारंभ हुआ।
सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आरंभ सबसे पहले इटली में ही हुआ, क्योंकि इटली में ही प्राचीन रोमन सभ्यता के अवशेष थे एवं सर्वप्रथम इटली के निवासियों ने ही प्राचीन यूनानी रोमन कला, साहित्य तथा संस्कृति का पुन: अध्ययन आरंभ किया। प्रारंभ में सांस्कृतिक पुनर्जागरण आन्दोलन इटली तक ही सीमित था, परंतु कालांतर में समस्त पश्चिमी यूरोप पर इसका प्रभाव पड़ा।
इस प्रकार पुनर्जागरण उस बौद्धिक आन्दोलन का नाम है जिसने रोम और यूनान की प्राचीन सभ्यता-संस्कृति का पुनरुद्धार कर नयी चेतना को जन्म दिया।
पुनःजाागरण का प्रनतनिनित्व करने वाले साहित्यकार, चिन्तक फ्रोसंस्को पैत्राका को मानवतावाद का जनक कहा जाता है।
पुनःजागरण काल के साहित्यकार शासक व कलाकार दांते एलीगियारी की महत्वपूर्ण रचना डिवाइन कॉमेडी भी हुई।
पुनःजागरण के तीन चरण हैं जिन्हें हम आरंभिक पूनःजागरण, मध्य पूर्व जागरण और उच्च पुनरुत्थान या उच्च पुनर्जागरण के नाम से जानते हैं।
ललित कला में, "प्रोटो पुनर्जागरण" शब्द इटली में पूर्व-पुनर्जागरण काल (सी.१३००-१४००) और ज्योतो (१२६७-१३३७) जैसे प्रगतिशील चित्रकारों की गतिविधियों को संदर्भित करता है, जिन्होंने आकृतियों के नए रूप यथार्थवाद" को गति दी, जिसे पुनर्जागरण कला के युग के दौरान कलाकारों द्वारा पूरी तरह से विकसित किया गया था।
यद्यपि, ज्योटो की अभूतपूर्व कला यूरोपीय या यहां तक कि इतालवी मुख्यधारा का प्रतिनिधित्व नहीं करती थी। ज्योटो की कला ईसाई बीजान्टिन कला से विरासत में मिली परंपराओं से व्युत्पन्न थी - जिसने रोमनस्क्य पेंटिंग या गोथिक कला के भित्ति चित्रों को प्रभावित किया ।
इसके timeline को संक्षेप में देखते हैं।
१३०० - १४०० प्रोटो-पुनर्जागरण
१३०५ - गियोटो ने पडुआ में स्क्रोवेग्नी चैपल पर अपना काम पूरा किया।
1308 - दांते ने अपनी महाकाव्य कविता द डिवाइन कॉमेडी लिखी।
1341 - प्रथम महान मानवतावादी फ्रांसिस्को पेट्रार्क को रोम का कवि पुरस्कार विजेता नामित किया गया।
१४०० - १५०० प्रारंभिक पुनर्जागरण
१४१९ - आर्किटेक्ट ब्रुनेलेस्ची ने फ्लोरेंस कैथेड्रल के लिए गुंबद को डिजाइन किया।
1434 - सुप्रसिद्ध मेडिसी परिवार फ्लोरेंस के शहर-राज्य का मुखिया बना।
1450 - जोहान्स गुटेनबर्ग ने प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार किया।
1453 - ओटोमन साम्राज्य ने कॉन्स्टेंटिनोपल शहर पर कब्जा कर लिया, जो बीजान्टिन साम्राज्य के अंत का संकेत था।
1469 - लोरेंजो डी मेडिसी शहर-राज्य फ्लोरेंस के प्रमुख बने। वह कला के महान संरक्षकों में से एक है।
1485 - हेनरी सप्तम हाउस ऑफ ट्यूडर के शासनकाल की शुरुआत करते हुए इंग्लैंड के राजा बने।
1486 - बोटीसेली ने पेंटिंग द बर्थ ऑफ वीनस को पूरा किया।
1492 - एक्सप्लोरर क्रिस्टोफर कोलंबस ने अमेरिका की खोज की।
1495 - 1527 उच्च पुनर्जागरण
1495 - लियोनार्डो दा विंची ने लास्ट सपर को चित्रित किया।
1498 - वास्को डी गामा पुर्तगाल से अफ्रीका के दक्षिणी सिरे के आसपास नौकायन के बाद भारत पहुंचे।
1501 - माइकल एंजेलो ने डेविड की मूर्ति पर अपना काम शुरू किया।
1503 - लियोनार्डो दा विंची ने मोनालिसा की पेंटिंग बनाई।
1508 - माइकल एंजेलो ने सिस्टिन चैपल की छत पर अपनी पेंटिंग शुरू की।
1509 - हेनरी अष्टम इंग्लैंड के राजा बने।
1509 - मानवतावादी लेखक इरास्मस ने praise of folly पुस्तक मूर्खता की प्रशंसा लिखी।
1511 - राफेल ने अपनी उत्कृष्ट कृति द स्कूल ऑफ एथेंस को चित्रित किया।
1516 - सर थॉमस मोर ने राजनीतिक दर्शन पर अपना ग्रंथ यूटोपिया प्रकाशित किया।
1517 - मार्टिन लूथर ने चर्च ऑफ विटनबर्ग के दरवाजे पर अपनी 95 थीसिस पोस्ट की। यह धर्म सुधार आंदोलन के शुरुआत का संकेत देता है।
1519 - फर्डिनेंड मैगलन ने दुनिया भर में अपनी यात्रा शुरू की।
इसके बाद
१५२0-१६०० के दौरान मैनरिज्म या व्यवहारवाद की कला हम देखते हैं।
मैनरिज्म, जिसे उत्तर रेनेसां या उत्तर पुनःजागरण के रूप में भी जाना जाता है, यूरोपीय कला की एक शैली है जो १५२० के आसपास इतालवी उच्च पुनर्जागरण के बाद के वर्षों में उभरा, लगभग १५३० तक फैल गया और इटली में १६वीं शताब्दी के अंत तक चला। इसके बाद सुधारवाद के बाद चर्च के द्वारा प्रोत्साहित बारोक शैली प्रकाश में आई।
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ज्ञात हो कि 1517 ई. में एक जर्मन भिक्षु मार्टिन लूथर ने कैथोलिक चर्च के विरुद्ध अभियान चलाया था। उसका तर्क था कि मनुष्य को ईश्वर से सम्पर्क स्थापित करने के लिए पादरी की आवश्यकता नहीं है। इस आन्दोलन को प्रोटस्टेंट् सुधारवाद का नाम दिया गया। इससे लोगो मे चर्च के प्रति आस्था कम हो गयी थी जिसे पुनः प्राप्त करने के लिए बाद में ब्रॉक कला का विकास हुआ था।
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इस दौरान
१५२७ - पवित्र रोमन सम्राट चार्ल्स वी के शासन को रोमन सैनिकों ने बर्खास्त कर दिया।
१५३४ - हेनरी VIII ने इंग्लैंड के चर्च को रोम के कैथोलिक चर्च से अलग कर दिया ताकि वह एरागॉन की कैथरीन को तलाक दे सके और ऐनी बोलिन से शादी कर सके।
1558 - एलिजाबेथ प्रथम इंग्लैंड की महारानी बनीं।
1588 - स्पेनिश आर्मडा को अंग्रेजी नौसेना ने हराया।
1599 - विलियम शेक्सपियर ने ग्लोब थिएटर का निर्माण किया। वह अगले कुछ वर्षों में हेमलेट और मैकबेथ सहित अपने कई महान नाटक लिखेंगे।
1610 - गैलीलियो ने बृहस्पति के चंद्रमाओं की खोज की।
1618 - से तीस वर्षीय युद्ध शुरू हुआ।
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